हावड़ा की कई फ़ैक्टरियाँ सारा रसायन और कचरा गंगा नदी में बहा देती हैं, नदी में नहाने वाले लोगों को त्वचा जलने की शिकायत होती है
गंगा हमारी मां है, इसलिए सारी जिम्मेदारी उसे ही उठानी होगी, यही मांग गंगा के किनारे लगने वाली फैक्ट्रियों के अधिकारी कर रहे हैं। हावड़ा बी गार्डन से लेकर बाली तक, गंगा के किनारे कई मिलें खुल गईं इन सभी फैक्ट्रियों का ड्रेनेज सिस्टम गंगा की ओर बना हुआ है हावड़ा रामकृष्णपुर घाट और शिवपुर घाट के बीच टोपीवाला घाट है अगर आप उस घाट पर जाएंगे तो आपकी आंखें जलने लगेगी साथ ही दमघोंटू बदबू भी आएगी।